विद्यापीठ वाराणसी,

*विद्यापीठ में बढ़ी हुई प्रवेश परीक्षा शुल्क की हो वापसी नही तो विद्यार्थी परिषद करेगी आंदोलन*


 


 वाराणसी4जूनअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा समय-समय पर रचनात्मक कार्यों के माध्यम से समाज को संदेश देने तथा विद्यार्थियों को राष्ट्र उन्मुखी बनाने हेतु नई दिशा दिखाने का काम किया जाता रहता है एवं आवश्यकता पड़ने पर विद्यार्थी हितों हेतु समय समय पर व्यापक आंदोलनों के माध्यम से भी विद्यार्थीयो के विषयों को पूरा करने का प्रयास भी किया गया है।


आज इसी संदर्भ में परिषद के काशी महानगर के महानगर मंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति से मुलाकात कर यह मांग की की इस वर्ष बढ़ाया हुआ परीक्षा शुल्क विद्यार्थीयो के हितों को ध्यान में रख कर तत्काल वापस किया जाए क्योंकि इस वर्ष कोरोनो की भीषण महामारी ने निचले एवं मध्यमवर्गी परिवारों को आर्थिक रूप से बहुत परेशान कर दिया है।अनेको दिनों से रोजगार बंद होने से एवं आय के स्रोत रुक जाने से ये परिवार अब अतरिक्त आये हुए बोझ को उठा पाने में असमर्थ है एवं साथ ही अपने बच्चो की पढ़ाई को लेकर चिंतित है।


*महानगर मंत्री कुँवर ज्ञानेंद्र ने बताया कि -" विद्यापीठ एवं इसके सभी संघटक महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी अधिकतम मध्यमवर्गी परिवारों से आने वाले है। जिनके पिताजी का मजदूरी करना, किसानी करना, गुमटी लगाना,ऑटो चलाना एवं अन्य ऐसे ही उनके छोटे छोटे रोजगार है।इस वर्ष कोरोना की महामारी में हुए लॉकडौन ने वैसे ही उनकी कमर तोड़ दी है।उनकी जमा पूंजी लॉकडौन की भेट पहले ही चढ़ चुकी है और अब उनपर अतरिक्त बोझ इस वर्ष डालना बिल्कुल भी न्यायोचित नही है। यह शुल्क कम होने पर उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी और उनके बच्चो का भविष्य भी बेहतर सुनिश्चित हो सकेगा।"*


 


*विद्यार्थी परिषद ने 11 एवं 12 मई को देश भर में संपर्क अभियान* चलाया था जिसके अंतर्गत काशी महानगर ने 5000 विद्यार्थियों से संपर्क किया।इस संपर्क अभियान में कई विद्यार्थीयो ने कार्यकताओं को यह बताया कि "लॉकडौन में परिवार का गुजारा पहले ही मांगे हुए राशन से चल रहा है,हम इस वर्ष परीक्षा शुल्क भरपाने में भी असमर्थ है और उसी पर 500रुपये अतरिक्त शुल्क भरना हमारे लिए बहुत कठिन है। एक विद्यार्थी ने बताया कि पिताजी को पूरे लॉकडौन कोई मजदूरी नही मिली है,घर मे जो कुछ पैसे बचे थे दादी जी के मरने पर उनकी अंत्योष्टि संस्कार में लग गए,पिताजी काम करना चाहते है लेकिन कोरोना होने का हमे डर लगता है इसलिए मांगे हुए राशन से ही काम चला रहे है और लगता है पढ़ाई छोड़नी पड़ेगी.!


दूसरे विद्यार्थी ने बताया कि पिताजी की छोटी सी चाय की दुकान थी रोज का कमाना और खाना था,भईया अब हम कहा से पैसा लाएंगे.? क्या मैं पेपर नही दे पाऊंगा.? सरकार हमारे लिए कुछ नही करेगी क्या.?


आज इन्ही सब विषयो पर विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति जी बात की और उन्हें भी अवगत कराया। विद्यार्थी परिषद ने अपने ज्ञापन मे लिखा कि - *"कुलपति महोदय जी आपको ज्ञात है कि इस वर्ष परीक्षा शुल्क 1000 रुपये से 1500 रुपये कर दिया गया है।आपको यह भी ज्ञात है कि इस समय देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है और इसकी मार से सभी वर्ग परेशान हुए है लेकिन मध्यमवर्गी एवं उससे निचले तबके के पास रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। 22 मार्च के बाद से ही प्रदेश में सब काम धंधे बंद पड़े हुए और आय का कोई दूसरा साधन ऐसे परिवारों के पास नही है। जिसके कारण विद्यापीठ एवं इसके संघटक महाविद्यालय से जुड़े विद्यार्थीयो के परिजन अपने बच्चो के भविष्य को लेकर कष्टित और चिंतित है। परिजनों को कुछ समझ नही आता कि वो किसके पास जा कर गुहार लगाए।"*


परिजनों का कहना है कि "भईया हमारे पास अपने बच्चो की शिक्षा छुड़वाने के अलावा कोई रास्ता नही दिखता क्योंकि जिसके पास भी उधारी मांगने जाते है वही अपनी समस्या बता कर मना कर देता है।" 


इस समस्या पर विद्यार्थी परिषद काशी महानगर ने कुलपति जी से यह स्पष्ट कहा कि हमारी मांग पूरे पूर्वांचल के विद्यार्थियों के एक बड़े तबके को दर्शाती है और *परीक्षा शुल्क वापसी की मांग अगर तीन दिनों के भीतर नही मानी गयी तो विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता एवं अन्य विद्यार्थी (विद्यापीठ एवं संघठक महाविद्यालय) सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए पहले क्रमशः विरोध तथा उग्र आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी विश्विद्यालय प्रशासन की होगी।*


 


*प्रतिनिधिमंडल में महानगर मंत्री कुवँर ज्ञानेंद्र,शिवम शाह (प्रान्त राज्य विश्विद्यालय प्रमुख),कुंदन मिश्रा (विद्यापीठ इकाई सह-मंत्री),गौरव मालवीय (विद्यापीठ इकाई उपाध्यक्ष),विद्यापीठ के कार्यकर्ता अंकित राय आदि उपस्तिथ रहे।*


                     चन्द्रशेखर सिंह


                         सा, सम्पदाक


                       9935402252


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