पत्रकार संगठनों में एकजुटता जरूरी नई दिल्ली,

*पत्रकारों के मुद्दों पर पत्रकार संगठनों के बीच एकजुटता जरूरी------पवन कुमार*


 


नई दिल्ली, (जून 6, 2020): नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) *NUJ(I)*, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन *(डीजेए)* और वर्किंग जर्नलिस्ट्स इंडिया *WJI* के संयुक्त तत्वावधान में *कोरोना आपदा में मालिकों द्वारा पत्रकार उत्पीड़न एवं श्रम कानूनों में बदलाव* के कारण पत्रकारों के समक्ष उत्पन्न *संकट* पर चर्चा करने के लिए एक संयुक्त *वेबिनार* का आयोजन किया गया। 


 


*वेबिनार* को संबोधित करते हुए भारतीय मजदूर संघ के मध्य क्षेत्र संगठन मंत्री *श्री पवन कुमार* ने लेबर कॉड्स के *वर्किंग जर्नलिस्ट्स एक्ट-1955* पर पड़ने वाले प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने लेबर कॉड्स में मौजूद उन सभी प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी जिनका सम्बन्ध मीडिया और पत्रकारों से है। 


 


*उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया के पत्रकार भी लेबर कॉड्स के दायरे में आने वाले हैं* इससे श्रमिकों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी, स्वास्थ्य जांच, सामाजिक सुरक्षा, वेतन के रूप में एकरूपता जैसे कई लाभ होंगे. उन्होंने कहा कि नई सहिताएं इलेक्ट्रानिक मीडिया और डिजिटल मीडिया के कर्मचारियों पर भी लागू होगी, लेकिन इसके साथ ही श्रमिकों के सामने कई *नए प्रकार की चुनौतियां* भी आएंगी।’


 


*श्री पवन कुमार* ने कहा कि नयी संहिताओं के बाद *श्रमजीवी पत्रकार महज एक कर्मचारी माना जाएगा।* उन्होंने कहा कि कोड आन आकूपेशनल हेल्थ, सेफ्टी एवं वर्किंग कंडीशन्स-2019 (पेशे से जुड़ी स्वास्थ्य, सुरक्षा और कार्यस्थल की दशाओं संबंधी संहिता-2019) के लागू होने पर वर्किग जर्नलिस्ट्स एंड अदर न्यूजपेपर इम्लाईज (कंडीशन्स आफ सर्विसेज) एंड मिसलीनियस प्रावीजन एक्ट-1955 और वर्किंग जर्नलिस्ट्स (फिक्सेसन और रेट्स आफ वेजेज) एक्ट-1958 सहित विभिन्न *13 उद्योगों के कानून नई संहिताओं में समाहित हो जायेंगे. इससे पत्रकारों और गैर-पत्रकार कर्मियों के वेजबोर्ड का भविष्य संदिग्ध हो गया है।* 


 


उन्होंने कहा कि मंत्री इस समय कह रहे हैं कि वे नियमों में वेज बोर्ड की व्यवस्था कर देंगे। परंतु बाद में अधिकारी कह सकते हैं कि जो बात अधिनियम में नहीं है उसके लिए नियम कैसे हो सकता है ??


 


*उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकार बगैर संघर्ष के नहीं मिलता। इसलिए पत्रकारों को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।* 


 


उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ पत्रकारों की समस्याओं को लेकर होने वाले पत्रकारों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा है।


 


*वरिष्ठ पत्रकार एवं एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनोज मिश्र* ने सभी पत्रकार संगठनों के साथ मिलकर काम करने की पहल का स्वागत किया। उन्होंने मीडिया आयोग के गठन पर जोर देते हुए कहा कि *पत्रकारिता की चुनौतियां बढ़ रही हैं* और पत्रकारों के *हक कमजोर होते जा रहे हैं।* 


 


उन्होंने कहा *वर्किंग जर्नलिस्ट्स अधिनियम को कमजोर करने का जो काम पिछली सरकार के समय शुरू हुआ था उसे यह सरकार भी आगे बढ़ा रही है।* इसलिए पत्रकार संगठनों को मिलकर चलना होगा तभी उसका असर होगा। 


 


उन्होंने कहा कि *समाज को आज भी पत्रकारों से बड़ी अपेक्षाएं हैं।*


 


एनयूजे(आई) के महासचिव *श्री सुरेश शर्मा* और एनयूजे (आई) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष *श्री अशोक मलिक* ने कोरोना काल में पत्रकारों की छंटनी और उनके वेतन में हो रही कटौती पर चिंता व्यक्त की और सभी पत्रकारों को मिलकर इसके विरूद्ध संघर्ष करने का आह्वान किया। *श्री सुरेश शर्मा ने श्रमजीवी पत्रकार कानून को बचाना पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए जरूरी बताया।* 


 


उन्होंने एनयूजे (आई) द्वारा *वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण* को दिए गए ज्ञापन का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें *श्रमजीवी पत्रकारों, मीडिया संगठनों और संवाद समितियों के लिए विशेष पैकेज की मांग की गयी है।* 


 


*श्री अशोक मलिक* ने ठेका व्यवस्था को पत्रकारों दे लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा *कानून में यह स्पष्ट व्यवस्था हो कि मीडियाकर्मी पर ठेका मजदूर व्यवस्था लागू नहीं होगी।* 


 


वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और डीजेए के पूर्व महासचिव *डा. प्रमोद कुमार* ने ट्रेड यूनियनों को *सुशिक्षित और सुप्रशिक्षित कैडर* तैयार करने की जरूरत पर बल दिया। *दिल्ली पत्रकर संघ के अध्यक्ष श्री मनोहर सिंह* ने श्रमजीवी पत्रकारों को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया। *महासचिव श्री अमलेश राजू* ने मीडिया ट्रेड यूनियनों में विखराव की प्रवृत्ति पर चिंता जताई।


 


वर्किंग जर्नलिस्ट्स इंडिया *WJI के अध्यक्ष श्री अनूप चौधरी, महासचिव श्री नरेंद्र भंडारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री संजय उपाध्याय* और श्री विजय तोगा, *सचिव श्री उदय कुमार मन्ना* तथा यू०पी०जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन *(उपजा)* के प्रान्तीय *महामन्त्री रमेश चन्द जैन* सहित देशभर से 100 से अधिक पत्रकारों ने वेबिनार में भाग लिया। दो घंटे की इस चर्चा में वक्ताओं ने पत्रकरों की समस्याएँ सुनी और उनके समाधान हेतू सुझाव दिए।


                       चन्द्रशेखर सिंह


                         सा, सम्पदाक


                        9935402252


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