कोरोना योद्धा के रूप में सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व को सम्मानित किया गया,

कोरोना योद्धा सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व को मिला भारतीय रत्न सम्मान 

लखनऊ । कोरोना संकट काल में पुलिस सेवा के कर्तव्यों का बाखूबी निर्वहन करने के साथ महामारी के वक्त परेशान जरूरतमंदों के लिये देवदूत बनकर उनकी  मदद करने वाले सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व द्वारा किये गये सहयोगात्मक कार्यों की सराहना करते हुए रेनबो सेवा ट्रस्ट द्वारा झूलेलाल वाटिका , निकट हनुमान सेतु में आयोजित भारतीय सांस्कृतिक महोत्सव में आज उनको भारतीय रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया ।
रेनबो सेवा ट्रस्ट की ओर से आज लखनऊ में तैनात सब इन्स्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व को हीरेन्द्र सिंह , राजेश राज गुप्ता ( अध्यक्ष ) और सुमित राज गुप्ता ने उनकी समाज सेवा और ईमानदार छवि के लिए सम्मानित किया। हीरेन्द्र सिंह और राजेश राज गुप्ता ने बताया कि अनूप मिश्रा की छवि एक कर्तव्य निष्ठ व ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में स्थापित है। वे कोराना योद्धा के रूप में अपनी ड्यूटी पूर्ण करने के बाद पुनः कोराना योद्धा के दूसरे रूप में जन हित के कार्य करते रहे हैं। मोहल्ले में साफ सफाई की व्यवस्था हो या मास्क वितरित करने का काम। गरीबों को भोजन कराना हो या राशन सामग्री उपलब्ध कराना। उनकी कार्य शैली सबसे अलग रही। ऐसे पुलिस वाले विरले ही मिलते हैं। कोरोना संकट काल में पुलिस दम्पति सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व  और उनकी धर्म पत्नी सब इंस्पेक्टर रीना पाण्डेय मिश्रा की ओर से न सिर्फ भोजन, कच्चा राशन , सेनेटाइजर , दवाएं , साबुन और मास्क वितरित के साथ दैनिक जरूरत की सामग्री वितरित करके लोगों की मदद की गयी । कोविड - 19 व अन्य बीमारियों से परेशान लोगों को घर बैठे निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श दिलाने के लिये एक दूजे के लिये स्ट्रेस सॉल्यूशन्स एंड कोविड हेल्पलाइन का गठन करके डॉक्टरों की मदद से हजारों लोगों की उपचार में मदद की गयी । इस अवसर पर सब इंस्पेक्टर अनूप मिश्रा अपूर्व ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सम्मान और सराहना से उत्साहवर्धन होता है एवम किये जा रहे कार्य के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ जाती है ।  उन्होंने बताया कि किस प्रकार वो पुलिस की ड्यूटी और सामाजिक सरोकार में तालमेल बैठाते थे ताकि कोरोना की जंग में हर मोर्चे पर मुस्तैदी से लड़ा जा सके । अनूप मिश्रा और रीना पाण्डेय मिश्रा ने बताया कि इस महामारी के कारण उत्पन्न संकट की घड़ी में एक वर्दीधारी होने के नाते उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई थी, धैर्यपूर्वक हमने डयूटी के साथ साथ जरूरतमंद लोगों की मदद करने का फर्ज भी निभाया गया ।

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