खाटूश्यामजीं मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई लखनऊ हनुमान शैतु,

*श्री गौडीया मठ मंदिर से निकली श्री जगन्नाथजी की रथयात्रा*
लखनऊ। फूलों से सुसज्जित रथ पर अपने भाई  बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान भगवान जगन्नाथ की झांकी का श्रृगांर बहुत ही सुंदर व अलौकिक लग रहा था यह अद्भुत नजारा शुक्रवार को श्री गौडीय मठ मंदिर मोतीनगर के श्री जगन्नाथजी रथयात्रा रहा। ढोल-नगाड़े, बैंड बाजों तथा भक्तों के हरे कृष्ण हरे कृष्ण... के जयकारों के बीच  जगन्नाथ, बलभद्र तथा सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकले। इस मौके पर सुभद्रा, बलभद्र एवं जगन्नाथ जी को रत्नजड़ित पगड़ी, भगवा रंग वस्त्र और रंग बिरंगे फूलों की माला पहने हुए थे। श्री जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र जी के रथ को खींचने का पुण्य लाभ कमाने के लिए भक्तगण आतुर थे और भगवान के दर्शन पूजन के लिए भक्तों की लंबी कतार मार्गो के दोनों तरफ अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। रथयात्रा का शुभारंभ समिति के मठाध्यक्ष ने विधिवत पूजा अर्चना कर, चंदन कपूर मिश्रित जल छिड़क कर रथ समार्चना करते हैं। श्री जगन्नाथ पर कई स्थानों पर पुष्प वर्षा की गई। मृदंग की थाप व घंटे घड़ियाल की लय पर झूमते भक्तों ने पूरे रास्ते जय जय जगन्नाथ स्वामी, हरि हरि बोल, राधे राधे, बम बम भोले के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। रथयात्रा श्री गौडीय मठ मंदिर मोतीनगर से ऐशबाग रोड, नाका हिण्डोला, बांसमंडी चौराहा, लाटूश रोड, श्रीराम रोड, अमीनाबाद रोड, गणेशगंज से नाका हिण्डोला, आर्यानगर, मोतीनगर चौराहा होते हुए वापस श्री गौडीय मठ मंदिर में पहुंचकर समाप्त हुई। रथयात्रा समापन पर  मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के साथ बलराम, बहन सुभद्रा की प्रतिमा स्थापित की गई। मठाध्यक्ष ने बताया कि भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निराली है यहां भगवान जगन्नाथ स्वयं मंदिर से निकलकर सभी भक्तगणों सबको दर्शन देते है। इस शोभायात्रा में कोलकाता, उड़ीसा, मुंबई, दिल्ली, कुरूक्षेत्र, मथुरा, वृन्दावन, पटना, मुगलसराय, काशी, प्रयागराज से पधारे अनेक संतजन एवं गणमान्य लोग श्री जगन्नाथ यात्रा में सम्मिलित हुए।

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