पूर्व कुलपति प्रो माहरुख मिर्जा साहब लखनऊ,

*विडंबना*

*ख्वाजा मोइनउद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का विवादों से नहीं छूट रहा पीछा*

*जहां कुलपति थे, वहीं न्याय मांगने के लिए लिए धरना दिया*

• प्रशासन ने न्याय दिलाने का आश्वासन देकर प्रो. माहरुख मिर्जा का धरना खत्म कराया

• एक हफ्ते में न्याय न मिलने पर गांधी प्रतिमा पर बेमियादी भूख हड़ताल की दी चेतावनी

विशेष संवाददाता

लखनऊ। नियम विरुद्ध खरीद-फरोख्त, प्रोन्नतियां, भर्ती, निर्माण कार्य, धार्मिक टकराव जैसे विवादों से चिरे ख्वाजा मोइनउद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में एक नया अध्याय जुड़ा गया। 

इसी विवि के कुलपति रह चुके व वाणिज्य विभाग के शिक्षक प्रो. माहरुख मिर्जा 

उत्पीड़न और विश्वविद्यालय में राज्य सरकार के नियमों के विपरीत समानांतर निर्णय लेने के आरोपों की जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठ
गये। 

जिला प्रशासन ने कुलपति प्रो. एनबी सिंह को एक दिन के अवकाश पर जाने को मजबूर किया 

और फिर मौके पर दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद प्रो. माहरुख मिर्जा को शिकायतों को जायज मानते हुए 

वस्तु स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत कराने का आश्वासन दिया।

 माहरुख मिर्जा ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में कार्रवाई नहीं होने पर गांधी प्रतिमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

 ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती भाषा विवि लंबे समय से विवादों में घिरा हुआ है।

 शिक्षकों की नियुक्तियों में व्यापाक अनियमितता का खुलासा लेखा परीक्षा रिपोर्ट में हो चुका है। 

प्रोन्नतियों में गड़बड़ी के आरोप भी लगे हैं। 

इस बीच बनी जांच कमेटियों ने भी अनियमितताएं स्वीकारी है

 पर प्रो. एनबी सिंह के कुलपति नियुक्त होने के वाद भाषा विवि में विवादों की बाढ़ आ गयी है।

 कार्यभार संभालते ही प्रो. सिंह ने कुलपति आवास की मरम्मत पर 49 लाख रुपये खर्च कर दिये। 

39 लाख रुपये गेस्ट हाउस की मरम्मत पर खर्च किये गये, 

इसी परिसर से उन्होंने एक वैवाहिक कार्यक्रम भी सम्पन्न कराया।

 प्रोफेसरों पर कार्रवाई, 

रमजान में छात्रावासों में नमाज,

 इफ्तारी और सहरी प्रतिबंधित की,

 छात्रों की उपासना स्थल पर ताला लगवा दिया। 

कई शिक्षकों को निलंबित कर दिया।

 इस बीच एक तुगलकी आदेश जारी किया कि प्रत्येक शिक्षक को अपनी पीएचडी थीसिस की मूल प्रति विवि में जमा करनी होगी, 

ऐसा कोई नियम नहीं है। 

जिसके बाद फीस, नए कोर्स, एडमीशन, शैक्षिक सत्र का मामला विवादों में घिरा।

शिक्षा की गुणवत्ता की बेहतरी के लिए कुलाधिपति ने विवि में शिक्षकों की हाजिरी बायोमीट्रिक पर लगाने का आदेश जारी किया गया।

 इस आदेश का उल्लंघन करने पर वेतन रोकने का आदेश किया गया।

 कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने इस मामले में भी भेदभाव किया और हाजिरी न लगाने वाले कुछ शिक्षकों का वेतन जारी कर दिया

 लेकिन उनकी कार्यशैली का विरोध कर रहे शिक्षकों का वेतन रोक दिया।

 इस बीच कुलसचिव की ओर से पूर्व कुलपति माहरूख मिर्जा को एक नोटिस देकर डीलिट समेत अन्य दस्तावेज जमा कराने का आदेश दिया गया। 

बकौल माहरूख मिर्ज़ा पहले पहले ही अपने दस्तावेज कुलसचिव के कार्यालय में जमा कर चुके हैं 

और उसकी रिसीविंग उनके पास उपलब्ध है। 

बावजूद इसके विवि से उनके दस्तावेज कैसे गायब हो गये, ये आपराधिक षणयंत्र हैं।

 साथ ही उनका वेतन भी रोक दिया गया। 

माहरुख का कहना है इसी के विरोध में उन्होंने पूर्व में नोटिस देकर आज धरना दिया था, 

प्रशासन ने मौके पर दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद उन्हें आश्वासन दिया है, 

उनके साथ न्याय के लिए शासन को लिखा जाएगा। 

जिसके बाद उन्होंने धरना खत्म कर दिया है। 

मगर, एक हफ्ते में मामले का निस्तारण नहीं होने पर वह गांधी प्रतिमा पर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

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