सोनू शुक्ला उन्नाव बन गए नई मिसाल डॉक्टर एस के सोनी की कलम से लखनऊ,

*अगर हो हौसला पक्का तो फिर तूफान का डर क्या, मेरी  कश्ती हर एक तूफां का सीना चीर सकती है*
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यह सच है कि यदि मन मे हौसला है, ज़िंदगी जीने की चाहत है तो हर मुश्किल, हर समस्या यहां तक कि गंभीर और ला-इलाज बीमारी भी आपके सामने घुटने टेक देगी।
मैं लखनऊ की शहर ज़मी से डॉ एस के सोनी, लेखक, स्तम्भकार, कैरियर काउंसलर एवं मूल्यांकन विशेषज्ञ हूँ। 
आज जब मेरी मुलाकात उन्नाव जिले के सोनू शुक्ला से हुई जो उन्नाव जिले के निवासी हैं जिनकी झांसी-लखनऊ हाइवे के किनारे एक ऐसी सुसज्जित पान की दुकान है जिसमे पान की इतनी ज्यादा वैरायटीज हैं जो आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं।
डॉ एस के सोनी को जब यह पता चला कि सोनू शुक्ला दिल की एक ऐसी बीमारी से ग्रसित हैं जिसका इलाज कानपुर के लक्ष्मीपति सिंघानिया अस्पताल में  *वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ एवं निदेशक डॉ राकेश वर्मा जी* की देख-रेख में चल रहा है। 
मुताबिक सोनू, वह पहले मुंबई के मरीन ड्राइव पर पान की दुकान चलाते थे लेकिन वर्ष 2014 में गंभीर बीमारी के चलते उनका इलाज भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली, संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान एवं डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय जैसे शीर्ष चिकित्सा इकाइयों में हुआ जिनकी एक-एक सर्जरी में 40-40 लाख का खर्च आया।  जब उन्हें यह बीमारी हुई तो उनके बचने की कोई आशा नही थी। 
सोनू शुक्ला ने अपने साक्षात्कार में डॉ सोनी से स्पष्ट किया कि मेरे इलाज का खर्चा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी वहन कर रहे हैं और मेरे घर का खर्चा श्रीमती प्रियंका वाड्रा जी उठा रहे हैं। सोनू ने बताया कि वैसे तो चिकित्सकीय विशेषज्ञों ने मुझे काम करने को कतई मना किया है परंतु यदि मैं अपनी बीमारी से डरकर बिस्तर पर रहा, अपने को बीमार समझा तो मेरी बीमारी मुझ पर हावी हो जाएगी और मेरी जीवन लीला समाप्त हो जाएगी। मैं अपनी गंभीर बीमारी को भुलाकर हमेशा सकारात्मक रहता हूँ और अपनी दुकान में उत्साह के साथ काम करता हूँ।
आपको बताते चलें कि सोनू शर्मा को जो बीमारी है उसका नाम है *अर्टरी थ्रोंबोसिस*। यह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में रक्त के फ्लो में बाधा करती है। इसमें रक्त के थक्के (clots) अर्टरी में जम जाते हैं जो उसे बंद कर देते हैं। इससे अधिक ब्लड नहीं फ्लो हो पाता जो उस हिस्से के लिए जिम्मेदार होता है। इससे उस हिस्से के ऊपरी हिस्से में दर्द, सूजन, ठंडा हो जाता है। इससे अधिक गंभीर मामलों में अंगुलियों या टोंटों का नुकसान हो सकता है। इसलिए, अर्टरी थ्रोंबोसिस का समय पर इलाज करना बहुत जरूरी होता है।
मैं सोनू शुक्ला के इलाज और पारिवारिक खर्चो में इनकी मदद करने के लिए *उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ* जी एवं *श्रीमती प्रियंका वाड्रा* जी को इस मानवीय मदद के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ।

पेश है उन्नाव के सोनू शुक्ला से वार्ता की कुछ अंश ....

*डॉ एस के सोनी*

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